
बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पर कार्यशाला: नवाचार और सुरक्षा का मार्गदर्शन
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, टनकपुर में यूकॉस्ट (UCOST) के सहयोग से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPR) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गईं। इस कार्यशाला का उद्देश्य पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और उनके नवाचार एवं अनुसंधान में महत्व को समझाना था।
कार्यशाला की मुख्य विशेषताएँ
✔️ IPR का मूलभूत परिचय: विशेषज्ञों ने बौद्धिक संपदा अधिकारों की अवधारणा, उनकी उपयोगिता और विभिन्न प्रकारों पर विस्तार से चर्चा की।
✔️ पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क का महत्व: नवाचार की सुरक्षा और व्यावसायिक संपत्तियों को कानूनी रूप से संरक्षित करने के लिए इन अधिकारों की भूमिका को समझाया गया।
✔️ भारत में IPR कानून एवं नीतियाँ: देश में बौद्धिक संपदा से जुड़े नियमों और नीतियों की जानकारी दी गई, जिससे प्रतिभागियों को अपने विचारों और आविष्कारों को कानूनी रूप से सुरक्षित करने की प्रक्रिया समझने में मदद मिली।
✔️ व्यावहारिक अध्ययन और वास्तविक जीवन के उदाहरण: प्रतिभागियों को पेटेंट फाइलिंग, कॉपीराइट सुरक्षा और ट्रेडमार्क पंजीकरण से जुड़े मामलों के अध्ययन का अवसर मिला, जिससे उन्हें इस प्रक्रिया को गहराई से समझने का मौका मिला।
✔️ उद्योग विशेषज्ञों के साथ प्रश्नोत्तर सत्र: IPR विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के सवालों का उत्तर दिया और उन्हें उनकी बौद्धिक संपदा को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
कौन-कौन शामिल हुआ?
इस कार्यशाला में शोधकर्ता, विद्यार्थी, उद्यमी, शिक्षाविद् और वे सभी पेशेवर शामिल हुए जो नवाचार और बौद्धिक संपदा संरक्षण में रुचि रखते हैं।
📌 इस कार्यशाला ने प्रतिभागियों को IPR की बारीकियों से अवगत कराकर, उनके विचारों और आविष्कारों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने में सहायता की।